दोस्ती पर एक दोस्ताना नज़र ..

जो मित्रों को धोखा नहीं देता ; वह अपने घर से बाहर ( प्रवास में जाने पर ) खाद्य - भोग का भागी होता है , उसके सहारे अनेकों की आजीविका चलती है // १//
जो मित्रों को धोखा नहीं देता; वह जिस जिस जनपद , कसबे और राजधानी में जाता है , सर्वत्र पूजित होता है // २ //
जो मित्रों को धोखा नहीं देता ; उसे चोर परेशान नहीं करते , राज उसका अनादर नहीं करता , वह सभी शत्रुओं पर विजय पा लेता है // ३ //
जो मित्रों को धोखा नहीं देता; वह प्रसन्नचित्त से अपने घर लौटता है , सभा में उसका स्वागत होता है , जाति-बिरादरी में वह उत्तम माना जाता है // ४ //
जो मित्रों को धोखा नहीं देता ; वह सत्कार करके सत्कार पाता है , गौरव करके गौरवनीय होता है , वह प्रसिद्धि और कीर्ति का भोगी होता है // ५ //
जो मित्रों को धोखा नहीं देता ; उस पूजा करने वाले की पूजा होती हैं , वंदना करने वाले की वंदना होती है , वह यश और कीर्ति को प्राप्त होता है // ६ //
जो मित्रों को धोखा नहीं देता ; वह आग के समान प्रज्ज्वलित होता है , देवता के समान प्रकाशमान होता है , श्री-युक्त होता है // ७ //
जो मित्रों को धोखा नहीं देता , उसकी गायें प्रजनन करती हैं , खेतों में बोया बढ़ता है और जो बोता है उसका वह फल खाता है // ८ //
जो मित्रों को धोखा नहीं देता ; दर्रे , पर्वत अथवा वृक्ष से गिरा हुआ वह व्यक्ति , गिर कर भी सहारा पा लेता हैं // ९ //
जो मित्रों को धोखा नहीं देता ; उसे शत्रु पराजित नहीं कर सकता , वैसे ही जैसे की मज़बूत जड़ वाले बरगद के वृक्ष का हवा ( आंधी ) कुछ भी नहीं बिघाड सकती // १० //
( आज दोस्ती दिवस पर इस ग़ज़ल का जुदा अंदाज़ आपको भी भाए ... इसे सुनियेगा जरूर ... )
अतः मित्रों हम उपरोक्त बातों को धारण करें ... और हमारे जीवन में ऐसे अवसर पहले कभी आयें हो जब जब हमें उपरोक्त प्रकार से अनुभव हुए हो ... या हमारे आसपास के मित्रों पर , या लोगों पर इस तरह की बातों को फलीभूत होते कभी देखा हो ... तो भगवान बुद्ध के उपरोक्त अनमोल वचनों से उनका मेल बैठाकर देखिएगा ... जरूर अतुलनीय उत्साह और उमंग का संचार अपने अन्दर पाएंगे ... भला हो !!