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रविवार, 19 अगस्त 2012

सदाशयता बनी शक्ति ...


     
   पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गाँधी ने हमारे देश को एक नयी उर्जा के साथ आगे बढाया /


              वे जब इस महत्वपूर्ण पद पर आसीन हुए तब उनके विषय में कई तरह की बातें भी चली ,  और सबसे ज्यादा यह की वे राजनीति के मामलों में अनुभवी नहीं हैं ... और उनकी इस कमी को बड़ा चढ़ाकर देखा गया /  

          परन्तु उन्हौने अपनी सदाशयता ,  निर्मल मन और सभी के प्रति सद्भाव की भावना  और देश के लिए सकारात्मक सोच जो उनमें पूर्व संस्कारों की वजह से विरासत के रूप में थी को ही अपने काम करने की शक्ति  बनाया /

        और यह सिद्ध कर दिया की राजनीति के दांव पेंच , भाषण कला और हाज़िर जवाबी से नहीं आम जनता का भला होता हैं  सदाशयता ,  निर्मल मन , सभी के प्रति सद्भाव की भावना  और देश के लिए सकारात्मक सोच से और उससे आगे बढ़कर देश के लिए सचमुच बलिदान होने तक की तैय्यारी से  /

       एक समय ऐसा भी आया जब उनके एक विश्वसनीय सहयोगी ने ही उनकी ईमानदारी पर शक ही नहीं किया बल्कि उस बात से सारा आसमान सर पर उठा लिया ... वे अविचल रहकर उस आरोप का डंटकर सामना करते रहे ... और फिर जनता ने उनके हक में फैसला दिया ... पर दुर्भाग्य वे देश को एक बार फिर अपना नेतृत्व देने से पहले ही एक क्रूर दुर्घटना का शिकार हुए ... और सद्भाव की खातिर अपना जीवन आहूत कर गए /


                     बाद में देश पर कारगिल जंग की नौबत बनी तब भी दुश्मन को उखाड़ फेंकने वाली बोफोर्स तोपों की हमारे बहादुर वीरों का भरपूर साथ देने की  ... और आज भी चारों ओर कम्पूटर और उसकें उपयोग की वजह से खुशहाल होती देश की जनता उनकी दूरंदेशी और देश के लिए सद्भावना के साथ सोच को मन ही मन याद जरूर कर लेती हैं /

                  अगर कोई इन्सान अच्छे कर्म करता हैं तो उसे कुदरत फिर अपने आप और भलाई करने के मौके देती जाती हैं ... कोई इन मौकों का दुरुपयोग कर फिर बुरे कर्म करता हैं ... और कोई फिर इन अवसरों से और आगे अच्छे कर्म करता हुआ कुदरत के उपकार को नहीं भूलता ... इसे ही कोई कोई वंशवाद  से भी जोड़कर अनजाने में ऐसे लोगों को जो अपने पूर्व कर्मों की वजहों से आगे की कतार में खड़े होते हैं ... उससे बेवजह नफ़रत या  घृणा करके अपना ही प्राकृतिक विकास बाधित / कुंठित करते हैं ... और कर्मों के सिद्धांत और उनके फल के अटल नियम का अकारण मजाक उड़ाते हैं / 

 स्व.राजीव गाँधी की यादों को सादर नमन //