हमारा देश जीडीपी के मामले में दुनियां में पांचवा देश हैं - जहाँ जीडीपी का औसत पिछले दस सालों में 7.5 % रहा। इसमें सभी राज्यों का भरपूर योगदान रहा। सभी ने अपने तयी खूब प्रयास किये।
अगर हम विगत 60 सालों में कुछ ना करते तो हम आज दुनियां के जीडीपी के पैमाने पर 1947 की तरह 132 वें स्थान पर ही रहते। ऐसा तो नहीं है ना, आज हम पांचवे स्थान पर हैं।
आओ मायूस ना हों - तरक्की बहुत की हैं और बहुत करेंगे - ख़ास तो सामाजिक स्तर पर शोषण को जितना हो सके उतना कम करना होगा - कारोबारियों द्वारा आम जनता का शोषण बहुत हद तक रुका हैं, और बहुत रोकना हैं।
ज्यूँ- ज्यूँ हमारे संसाधन शोषितों तक सहज रूप पहुंचने लगेंगे हमारा सामाजिक आर्थिक ठांचा और अधिक सबल होगा।
भारत की इस आर्थिक - सामाजिक तरक्की को दुनियां बड़े गौर से निहार रही हैं, और मनरेगा जैसे कार्यक्रम की तो संयुक्तराष्ट्र भूरि- भूरि प्रसंसा भी करता हैं।
आओ भारत को और मज़बूत भारत बनायें, तरक्की की पहुंच और अधिक लोगों तक जाएँ।
जन -गण मंगल दायक जय हे !!!