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शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

उपवास की पुंगी फिर बजी ...


उपवास की पुंगी फिर बजी ... 

Great spiritual force of moral conduct in life
 
                  गाँधी बाबा ने भी कमाल की खोज की .. उपवास करके उन्हौने तो बहुत सारे फायदे उठाये ही .. पर उस अस्त्र के कितने और फायदे होंगे शायद ही उन्हौने सोंचा होगा .. आज की युवा पीड़ी ने तो उनके उपवासों के बारे में पूरी तरह नहीं जानती ..पर हाँ .. उसकी समझ में आने लगी है .. उपवास की महत्ता ..मोटे तौर पर देखा जाय तो ..उपवास करने के कई कारण हो सकते है ..कई कारणों से उपवास किया जा सकता हैं .. शास्त्रीजी ने उपवास चलाये थे अनाज की कमी से निपटने के लिए के लिए ..गांधीजी ने अधिकतर उपवास पश्चाताप के लिए या अपने सत्याग्रहियों की गलतियों को ठीक करने के लिए या फिर नैतिकता के अध्यात्मिक बल से अंग्रेजी हुकूमत पर वार करने के लिए .. आम आदमी उपवास करता है भगवान की खुशामद के लिए.. और प्राकृतिक चिकित्सा रोगों से लड़ने की शक्ति के इजाफे में उपवासों का बड़ा सुन्दर इस्तेमाल करती आई है ..!! आज जब कोई गांधीजी की तस्वीर के तले उपवास से डराने धमकाने की नजीर पेश करता हैं तो वह जाने अनजाने हमारे युवा को गांधीजी के नाम पर एक तरह से गुमराह ही करता हैं .. महात्मा गांधीजी के जीवन से जुड़े कुछ हालातों पर नज़र डाले तो गांधीजी के उपवास से जुड़े मंतव्य हमारी युवा पीड़ी की नज़रों में स्पष्ट हो सकते हैं ...


" सवेरे का समय था . मैं सभा में बैठा था . मेरी समझ में नहीं आ रहा था की मुझे क्या करना चाहिए . किन्तु सभा में ही मेरे मुंह से निकल गया " यदि मजदूर फिर से दृढ़ न बने और फैसला होने तक हड़ताल को टाल न सके, तो मैं तब तक के लिए उपवास करूँगा / " ( कितना सहज और सटीक निर्णय )


महात्मा गाँधी अपने उपवास से भी किसी डराने के लिए इस्तेमाल करने में विश्वास नहीं करते थे वरन उपवास अपनी या अपने सत्याग्रहियों गलतियों को ठीक करने या पश्चताप के साधन के बतौर ही अधिकतर हुआ ... वरन आजकल तो उपवास से दबाव बनाकर अपनी मांगे मनवाने का अजब ढब चल पड़ा हैं ... और धेराव को गाँधी जी के हथियार की तरह दिखाया जा रहा हैं / जो की निहायत दुर्भाग्यपूर्ण और गुमराह करने वाला हैं /

एक जगह वे लिखते हैं " उनके विरुद्ध उपवास करना उन पर ज्यादितियों के सामान था / मैंने मालिकों को समझाया मेरे उपवास के कारण आपको अपना मार्ग छोड़ने की तनिक भी जरुरत नहीं फर्क तो आप पर मजदूरों की हड़ताल का ही पड़ना चाहिए / "


सद्भावना बढाने में भी उपवास की कारीगरी का इस्तेमाल होने जा रहा है इस तरह उपवास की तकनीक बड़ी तेजी से उन्नति कर रही है ..वह दिन दूर नहीं जब हर समस्या का एक ही उपाय होगा ..उपवास ... !!! उपवास कैसे लंबे खींचे जाय .. उपवास के दौरान भूख लगे ही ना ... कितने लोगों को बुलाया जाय ... कैसे तोड़े उपवास ... मिडिया की उपवास में भूमिका ... उपवास और उसका बजट ... सबसे लम्बा उपवास ... उपवास और प्रबंधन के नियम ... काला धन और सफल उपवास ...सर्वाधिक लाभ वाले सफल उपवास ... और अंत में जाकर डॉक्टर ऑफ़ उपवास पर भी ना थमेगी यह उपवास यात्रा ...!! उपवासों की तकनीक का अब दोहन शुरु हुआ है ...बड़े दिनों बाद बड़े और पैसे वाले लोगों का उपवास तकनीक पर अब ध्यान गया है ... देखना अब पैसों की कमी इस तकनीक के विकास मैं कोई बड़ी बाधा उत्पन्न नहीं कर पायेगी ... करोड़ों का खर्च होगा .. आज कल प्रबंधन के गुरु रोज नए नए गुर इजाद करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे ... हालिया भारत में इसके एक दो सफल परिक्षण हो चुके है ... सफलता मिलती देख उपवास की पुंगी अब खूब बजायी जाएगी .. जब तक नयी पुंगी का अविष्कार ना हो ..या यह पुंगी बेकार न हो !!!