कभी कभी यूँ भी वक्त आता है जब यूँ लगता हैं की भलाई का फल बुराई मिल रहा हैं ... और मन कुछ उदास होकर ही नहीं रहता ... वह निराशा के भंवर गोते पर गोते लगाता हैं ... और भलाई के कामों पर से उसका जैसे भरोसा ही उठता जाता हैं ...
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" फल भले कामों के भले ही आयेंगे और बुरे कामो के बुरे ही " यह भरोसा रहे ... और कोशिश रहे की हमसे बुरे काम हो ही ना ... इस हेतु मन पर अपना अधिकार हो ... और मैला मन हम हो सके उतना - उतना निर्मल करते जाए ... क्योंकि निर्मल मन बुरा काम कर नहीं सकता ... और हमारा जीवन सुन्दर और बहुजन हिताय बहुजन सुखाय की राह चल पड़ता हैं ... और मन यह भरोसा पाता हैं की हमसे कोई भूल ना हो जाय ...
जरुर सुने यह गीत पर थोडा सकारात्मक होकर ... तब ही तो बात बनेगी ... भला हो !!!