आजकल आन्दोलनों का फैशन - सा चल पड़ा हैं ... नकली आन्दोलनों से युवा जुड़ता जा रहा हैं ... क्योंकि उसके मन में भी देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा भरा हुआ हैं ... पर उसका दुर्भाग्य की वह किसी भले और परिपक्व नेतृत्व की जगह अब तक केवल मुंह-फट और अधीर और बदजुबान और गुस्सैल नेतृत्व के हाथों ही खेल रहा हैं ... इस तरह कानून को अपने हाथों लेने और व्यवस्था भंग करने के कारण हमारे युवा अकारण ही अपना भविष्य दांव पर लगा देते हैं ....
बुद्ध, महावीर , कबीर और नानक की यह भूमि सारी दुनिया को उजाला देती रही है ...विश्वास रहे .. फिर जन- जन का मन अधिनायक बन कर उभरेगा ... फिर लोग समझेंगे की उनकी भलाई किस बात में है .. भला हो