रविवार, 23 अक्तूबर 2011

फायनली वें आ रही हैं ...

फायनली वें आ रही हैं  ...

                         सुदूर देवलोक से लक्ष्मी जी भारत-भूमि के लिए उल्लू पर सवार होकर निकल पड़ी है ...  इस बार की यात्रा  से पहले उन्हौने भी पूरी तैयारी की ... अपनी टीम के कोर ग्रुप के  सदस्यों में से एक गणेश जी को स्थिति के आकलन के लिए १० दिनों का धुआंधार दौरा करवाया ... फिर लगे हाथ दुर्गा जी का भी ९ दिनों का दौरा करवा दिया  ...ताकि कोई कोर कसर न रहे /  तभी अचानक विघ्न संतोषी रावण  के आ धमकने से लक्ष्मी जी की यात्रा टलने वाली थी पर किसी तरह महिला मोर्चा ने करवा चौथ का अनसन करके डेमेज कंट्रोल किया /.......अब फायनली वें आ रही हैं /

                              लक्ष्मी जी की टीम के अहम्  सदस्य गणेश जी की सलाह पर इस बार वे धरती पर मंदी और महंगाई के चलते विशेष पैकज की घोषणा  भी करने वाली है ... पर भ्रष्टाचार के चलते गरीबों तक धन नहीं पहुंचा पाने की मज़बूरी के चलते पहले से ही धरती पर उनके कार्यकर्त्ता अन्ना और बाबा रामदेव ने नाना प्रकार के अनसन किये और भांति - भांति के   अस्त्र शास्त्रों का खुलेआम प्रदर्शन किया ... यहाँ तक की पुराने ज़माने की अचूक मिसाईल आमरण अनसन को भी झाड़ पोंछकर खूब चलाया /  उसी मिसाईल के बार-बार के धमाकों से परेशां होकर लक्ष्मी जी के कार्यक्षेत्र  भारत- भूमि की वर्तमान सरकार ने  आखिर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कड़ा कानून बनाकर अगली ठण्ड तक लागु करने का तय कर लिया है /  धरती पर अन्ना की टीम के मंसूबों से भी आगे जाकर यह कानून केवल सरकारी कर्मचारियों तक सिमित न रहकर , निजी क्षेत्र  एवं गैर सरकारी सेवा संगठनों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी नजर गढ़ायेगा ... ताकि  कोई  कोर कसर  बाकि ना रहे ....  आखिर धन की देवी के उपासक तो सभी है ना ?

                                  हर बार की तरह इस बार भी लक्ष्मी जी ने यह कहा की सभी को उनकी योग्यता और कर्म फल के सिद्धांत से आगे जाकर कुछ भी दे पाना उनके वश में नहीं ... पर धरती पर बसने वाले उनके भक्त इस बात पर कान देने को तैयार नहीं ... वे धन की देवी लक्ष्मी को मनाने और प्रसन्न करने के यत्न करने लगे है ... लक्ष्मी जी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित हो इसके जतन वे खूब कर रहे है ... कई तरह की पूजा-पाठ, व्रत-उपवास और मुहूर्त निकले जा रहे है / वहीँ ऊपर आकाश से गणेश जी एवं माँ सरस्वती यह सब देखकर मंद-मंद मुस्कुरा रहे है ... वे दोनों खूब अच्छी तरह जानते है ... धन की देवी लक्ष्मी उन लोगों की व्यर्थ की कोशिशों में न कभी उलझी है न उलझेंगी /  गीता के कर्म के नियम को लक्ष्मी देवी खूब अच्छी तरह से मानती ही नहीं जानती भी है  ... फायनली वें आ रही है ... बाहर-बाहर से साफ-सफाई और दिखावा  भले करों ... पर अंतर साफ हो ..मन पर नियंत्रण रहे ... ये काम भी कर लो ... यहीं देखने फायनली वें आ रही है !!!!!