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शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

सत्य अकेला न पड़े !!

सत्य अकेला न पड़े !!
                       सत्य का रास्ता लम्बा होता है ...और असत्य का रास्ता कहीं नहीं पहुंचता ... सत्य अकेला सब कुछ नहीं है ... धीरज, पराक्रम, लगन, जागरूकता, और निष्काम सेवा, अहिंसा और मन पर नियंत्रण के साथ , मन के विकारों से मुक्ति का उपाय इसके ऐसे साथी है ...जिनके बिन सत्य अकेला पड़ जाता है /// अतः सत्य के रास्ते चलना अच्छा है .. अच्छा है धैर्य साथ रहे/
                   ...अच्छा है मन में लगन, जागरूकता और निष्काम सेवा का भाव रहे .. अहिंसा का लक्ष्य हो ... अधिक अच्छा है मन पर नियंत्रण रहे .. अच्छा है मन के विकारों से विमुक्ति का रास्ता हाथ लगे ... पर सबसे अच्छा है हम इस राज मार्ग पर चलने लगे ... सत्य का मार्ग एक जन्म नहीं .. कई कई जन्मों तक चलता रहता है ... छोटे मोटे पड़ाव ... आते रहेंगे !!!!!!!!!! मंगल हो !!!!! 

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