1947 में जब हम आज़ाद हो गए तो म. गांधीजी को एक नया काम मिल गया और वो था " हिन्दू मुस्लिम एकता का " काम । हमारे कौमी नेताओं के चलते दोनों समुदाय एक दूसरे के प्रति नफरत के शिकार होकर भटक गए थे ।

अपने मित्रों के प्रति मित्रता का भाव रखना बहुत आसान है । परन्तु जो अपने को हमारे शत्रु समझते हों उनसे मित्रता करना ही सच्चे धर्म का सार हैं ।"
इस दिन बापू रात को 9:30 बजे ही सोने चले गए थे कारण उपवासों के चलते थोड़ी कमजोरी भी थी । पर अचानक रात में नींद खुली तो ध्यान आया की सोने से पहले सूत कताई का काम तो वे भूल गए थे सो उन्होने देर रात कुछ देर सूत काता और फिर सो गए ।
मितरो, भूल सुधार करने में म. गांधी एक क्षण की भी देरी नही करते थे ।।
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