आओ भारत की विगत साठ-पैसठ सालों में ऊर्जा ( बिजली ) की स्थिति पर नज़र डालें तो पाएंगे की हम सतत उन्नति के पथ पर रहे।
देश आज़ाद हुआ तब हमारी बिजली उत्पादन क्षमता 1362 MW के आसपास थी और पर कैपिटा बिजली की खपत मात्र 16.30 Kwh ही थी और आप आश्चर्य करेंगे भारत के एक भी गांव में बिजली की पहुँच नहीं थी।
इस स्थिति को अगर ध्यान में रखेंगे तो आपको देश में बिजली की प्रगति की जद्दोजहद का एक अंदाजा होगा जो भारत का भारत पर भरोसा बढ़ाएगा। और 2012-13 तक आते आते भारत ने अपनी बिजली उत्पादन को 20660 MW तक बढ़ाया और कैपिटा बिजली की खपत 813 Kwh तक आ गयी। और 537947 गांवों तक बिजली ने अपना सफ़र तय किया।
बीते दस सालों में बिजली उत्पादन में पांच गुना की उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
आज भारत के गाँवो में बिजली की सुगम और भरपूर पहुँच सुनिश्चित हो इस हेतु विशेष प्रयास जारी हैं। भारत और अमेरिका के साथ परमाणु संधि की बदौलत इस लक्ष्य को पाना अधिक आसान और तेज होगा, ऊर्जा की प्रचुरता हमारी उन्नति को तेज करेगी।
पर वास्तविक प्रगति तो तब मानी जाय जब गरीब घरों में बिजली सहज हासिल हो, अभी 2 करोड़ से अधिक घरों में बिजली मुफ्त दी जा रही हैं, ताके वे विकास की दौड़ में असहज महसूस ना करें।
" भरोसा रहे भारत पर भारत का "